इंदिरा रसोई योजना
प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के संकल्प 44 ‘कोई भूखा नहीं सोए’ को साकार करते हुए स्थापित इंदिरा रसोइयों की संख्या अपने लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर हैं। वर्तमान में क्रियाशील 980 रसोइयों को मिलाकर एक हजार रसोइयां खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब मात्र 20 रसोइयां खोली जानी शेष हैं। जनहित के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। इंदिरा रसोई योजना प्रदेश भर में लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के संकल्प का ही परिणाम है कि इंदिरा रसोई योजना प्रदेश भर में गरीब, मजदूर, कोचिंग छात्रों, बुजुर्गों एवं सरकारी अस्पताल में आने वालों, कृषि मंडियों के किसानों, रेल यात्रियों व बस स्टैंड के साथ-साथ प्रदेश के सभी नगर निकायों में जरूरतमंद लोगों का पेटभर भोजन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
इंदिरा रसोई योजना की सबसे बड़ी विशेषता इसका सस्ता, सुलभ और गुणवत्ता से पूर्ण होना है। प्रदेश में योजना की सफलता की स्थिति यह है कि अब तक इंदिरा रसोई के माध्यम से मात्र 8 रूपए में 9.45 करोड़ से ज्यादा थाली परोसी जा चुकी हैं।
इंदिरा रसोई की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की चिंता को इसी बात से समझा जा सकता है कि मुख्यमंत्री द्वारा सभी जिला एवं नगर निकायों के अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों को हर महीने इंदिरा रसोई में जाकर खाने का निरीक्षण करने और लोगों के साथ बैठकर खाना खाने के निर्देश दिए गए हैं।
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