महात्मा गांधी नरेगा योजना
श्री मीणा ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को और संबल देते हुए 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर 25 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जा रहा है। इसके लिए 750 करोड़ रूपये का प्रावधान राज्य मद से किया गया है और इस योजना को अब स्थाई भी कर दिया गया है। योजना में अब तक राज्य में 3 लाख 14 हजार परिवारों को 100 दिवस का पूर्ण रोजगार मिल चुका है। वहीं 13 लाख 37 हजार परिवारों को 81 से 89 दिन का रोजगार दिया गया है।
मनरेगा के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 लाख 16 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया और 33 करोड़ 43 लाख मानव दिवस सृजित किये गये। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 35 करोड़ मानव दिवस सृजित करना लक्षित है। उन्होंने बताया कि मानव दिवस सृजन करने में पिछले वर्ष राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है और इस वर्ष भी अभी तक प्रथम स्थान पर ही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 8 हजार 949 करोड़ 18 लाख रूपये व्यय हुये। उन्होंने बताया कि वित्तिय वर्ष 2022-23 में 98.03 प्रतिशत श्रमिक भुगतान निर्धारित 15 दिवस की समय सीमा में किया गया है।
उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 168 करोड़ 70 लाख मानव दिवस सृजित किये जा चुके है। अब तक 37 हजार 863 करोड़ रूपये का व्यय अब तक हो चुका है। 16 लाख 15 हजार कार्य पूर्ण करवाये जा चुके है। श्री मीणा ने बताया कि श्रमिकों की फर्जी हाजरी रोकने के लिए राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजन वाले कार्यों में एनएमएमएस एप के माध्यम से निगरानी की जारी रही है। जिसके क्रियान्वयन में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में लगभग 3 हजार हैक्टयर भूमि में चारागाह विकास के कार्य करवाये जायेंगे। इन कार्यों पर महात्मा गांधी नरेगा योजना मद से लगभग 600 करोड़ रूपये का व्यय किया जायेगा। योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 500 आंगनबाडी केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा। इन कार्यों पर लगभग 40 करोड़ रूपये का व्यय होगा।
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