स्मार्ट शाला प्रोग्राम
शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राजस्थान शैक्षिक विकास की दृष्टि से देश के तीन अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग विद्यालयों में नवाचारों के माध्यम से विद्यार्थियों को सुयोग्य नागरिक बनाते हुए शैक्षणिक प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। स्मार्ट शाला प्रोग्राम के तहत विद्यार्थियों को गणित और अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों में पारंगत बनाने के लिए सुगम तकनीक और सरल तरीकों से क्लास रूम टीचिंग देने की पहल इसी दिशा में अहम कदम है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति जीवन में कुछ बनते हुए अपना अलग मुकाम हासिल करना चाहता है, जो अच्छी तालीम से ही सम्भव है। इसी सोच के साथ प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए विद्यार्थियों को परिपक्व बनाने के लिए शिक्षक और अधिकारी कड़ी मेहनत और लगन से कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी के परिणाम स्वरूप स्कूल शिक्षा विभाग ने सर्वधर्म प्रार्थना सभा, चौस इन स्कूल प्रोग्राम और आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच जैसी अलग-अलग गतिविधियों में छः विश्व रिकार्ड बनाए हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मोहन लाल यादव ने कहा कि सम्पर्क स्मार्ट स्कूल प्रोग्राम के तहत प्रदेश के पांच एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट धौलपुर, करौली, बारां, सिरोही एवं जैसलमेर के अलावा जोधपुर, जयपुर एवं बीकानेर के विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित कर साउंड बॉक्स, पजल्स, लेसल प्लान, टीचिंग विडियोज़, मैथ्स एवं अंग्रेजी के किट्स और चौट बोट जैसी तकनीकों के माध्यम से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए इन जिलों के संबंधित विद्यालयों के टीचर्स को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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